यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के तोड़ के लिए पहली स्वदेशी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) वैक्सीन है. यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर से लड़ने के लिए बनाई गई सिरम इंस्टिट्यूट की CERVAVAC वैक्सीन है यह वैक्सीन इस महीने से ही मार्केट में मिलनी शुरू हो जाएगी बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन में दो डोज होंगे जिनकी कीमत ₹2000 है
इस वैक्सीन को बनाने वालों की सूची है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT), बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (BIRAC) और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन. अदार पूनावाला (CEO OF SII) ने बताया है कि शुरू में वैक्सीन की क्वांटिटी कुछ कम होगी और अगले साल इसे ज्यादा मात्रा में बनाया जाएगा.
स्कूलों में वैक्सीन लगाई जाएगी
केंद्रीय सरकार ने सभी केंद्र शासित प्रदेशों और सभी राज्यों से पूरे देश में छात्राओं को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और HPV वैक्सीन के बारे में जागरूक करने को कहा है. साथ ही कैंसर के रोकथाम के लिए केंद्रीय सरकार बहुत चल रही स्कूल लेवल पर वैक्सीनेशन की शुरुआत भी करेगी. केंद्रीय सरकार के द्वारा इस अभियान की शुरुआत खासकर 9 से 14 साल की बच्चियों के लिए स्कूलों में ही की जाएगी
देश में फिलहाल दो विदेशी वैक्सीन है मौजूद
भारत में सर्वाइकल कैंसर के लिए 2008 से Gardasil और Cervarix नाम की दो विदेशी वैक्सीन मौजूद हैं। इनकी एक डोज 3 हजार रुपए से शुरू होकर 10 हजार रुपए तक आती है। 9 से 14 साल की किशोरियों को 6 महीने के अंतराल में दो डोज लगती हैं। वहीं 15 से 45 साल उम्र की महिलाओं को तीन लगती हैं।
अब भारत में सर्वाइकल कैंसर के लिए दो विदेशी वैक्सीन मौजूद है यह वैक्सीन भारत में 2008 से मौजूद है यह वैक्सीन Gardasil और Cervarix नाम की दो विदेशी कंपनियों की है. इसकी एक डोर लगभग ₹3000 से शुरू होकर करीब ₹10000 तक आती है. 9 से 14 साल की लड़कियों को यह वैक्सीन 6 महीने में 2 डोज के हिसाब से लगती हैं वही देखा जाए तो 15 से 45 वर्ष की महिलाओं को इसकी तीन डोज लगाई जाती हैं
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के लिए है जानलेवा
बताया जा रहा है कि सर्वाइकल के अनुसार दुनिया भर में औरतों के लिए दूसरी सबसे घातक बीमारी है. यह कैंसर महिला की योनि से शुरू होकर मूत्राशय, मलाशय से होकर बहुत ही तेज गति से फैलता है. यह बीमारी पेपिलोमा वायरस के संक्रमण की वजह से हो जाती है जो महिलाएं ज्यादा धूम्रपान या इम्यूनिटी कम करने वाली दवाई का उपयोग ज्यादा करती हैं उन्हें इस कैंसर का खतरा ज्यादा होता है
भारत में सालाना 75 हजार मौतें सर्वाइकल कैंसर से
सरकारी आंकड़ों के हिसाब से भारत में सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे बड़ा जान लेने वाला कैंसर है. यह कैंसर हर साल लगभग 1.25 लाख महिलाओं में पाया जाता है. 75000 से ज्यादा मरीजों की मौत भारत में इस बीमारी से होती है. यह दुनिया में सर्वाइकल कैंसर के द्वारा होने वाली मौतों का लगभग एक चौथाई भाग है. 35 से 44 साल वाली उम्र की औरतों में यह कैंसर पाया जाता है