हरियाणा के रोहतक स्थित PGI इन डेंटल सांइसेज के ऑडिटोरियम में BDS प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए एंटी रैगिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें डीसीआई के एंटी रैगिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ. एसके कथारिया पहुंचे। उन्होंने भावी चिकित्सकों को रैगिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. एसके कथारिया ने कहा कि हमें चिकित्सा क्षेत्र में जाने का सौभाग्य भगवान ने प्रदान किया है, तो हमारी भी देश के प्रति जिम्मेदारी बनती है कि अच्छे डॉक्टर बनकर देश के नागरिकों की सेवा करें। हमेशा अपने मरीजों, सहयोगियों व छात्रों से विनम्र स्वभाव के साथ पेश आना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो व्यवहार हम अपने घर में भाई-बहन से नहीं कर सकते वह दूसरों के साथ भी न करें।

डीसीआई के एंटी रैगिंग कमेटी के चेयरमैन डॉ. एसके कथारिया का सम्मान करते हुए
नाम से न बुलाना भी रैगिंग
उन्होंने कहा कि रैगिंग करना अपराध है। अपना कार्य दूसरों से करवाना व दूसरों को रैगिंग के लिए उकसाना भी रैगिंग की श्रेणी में आता है। किसी व्यक्ति को उसके नाम से ना बुलाकर उसको किसी अन्य नाम या उसकी जाति से बुलाना भी रैगिंग में शामिल है। सोशल मीडिया के माध्यम से अपने जूनियर को फोन या मैसेज करके बुलाना या उसे अपने किसी कार्य के लिए बोलना रैगिंग में पक्का सबूत माना जा सकता है।
रैगिंग पीड़ित विद्यार्थी का नाम गुप्त रखकर होती है कार्रवाई
डॉ. एसके कथारिया ने कहा कि हमें रैगिंग करने से बचना चाहिए, ताकि भविष्य में पछताना ना पड़े। हमेशा जूनियर को अपने छोटे भाई बहनों की तरह रखना चाहिए। यदि किसी विद्यार्थी के साथ रैगिंग होती है तो वह यूजीसी को फोन, मेल इत्यादि के माध्यम से संपर्क कर सकता है या एंटी रैगिंग ऐप पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। जिसके बाद उसका नाम गुप्त रखकर कार्यवाही की जाती है। रैगिंग में शामिल विद्यार्थी के खिलाफ एफआईआर सहित उसके दाखिले को रद्द किया जा सकता है।