
हरियाणा राज्य के महेंद्रगढ़ शहर के कनीना गांव के रेलवे रोड पर मौजूद कॉलोनी रंगराव की लड़की को घोड़ी पर बैठा कर बनवारा निकाला. बताया जा रहा है कि इस बारे में औरतों ने घोड़ी के सामने नाच कर खूब जश्न मनाया. सतीश लेखरा जोकि बीएसएफ में है वह लड़की के पिता है. उनका कहना है कि लड़का और लड़की एक बराबर है, समाज में उन्होंने यह एक संदेश दिया है.
बताया जा रहा है कि कनीना गांव में सतीश लेखरा के द्वारा अपनी लड़की प्रिया लेखरा का विवाह लड़कों की भांति धूमधाम से किया गया. विवाह से पूर्व दूल्हे की भांति लड़की को घोड़ी पर बैठा कर डीजे बजवा कर बनवारा निकाला. कॉलोनी में रहने वाले हर इंसान ने इस फौजी बाप की बहुत तारीफ की. बेटी के पिता से जब पूछा तो उन्होंने जवाब में कहा कि समाज में संदेश तो दिया जा रहा है कि बेटा बेटी सम्मान है किंतु कोई पहल नहीं दिखा रहा. लड़के को घोड़ी पर बैठाया जाता है तो लड़की को क्यों नहीं बैठाया जाता.
बेटी के पापा के द्वारा कहा गया कि हमारी बेटियां हमारे बेटों से बिल्कुल भी कम नहीं है. अपनी बेटियों को भी बेटों की भांति ही समाज में पूरा मान सम्मान दिया जाना चाहिए. इस तरह असम में प्रवीण लेखरा, गौरव, साहिल, धीरज और धर्मेंद्र आदि मौजूद रहे. लड़की को रात के वक्त घोड़ी पर बैठा कर डीजे बजवा कर बनवारा निकालते हुए समाज को यह नया संदेश दिया गया है. पहले विवाह में सिर्फ लड़कों को ही घोड़ी पर बैठा कर बनवारा निकाला जाता था किंतु अब एक फौजी पिता ने अपनी लड़की को घोड़ी पर बैठा कर बनवारा निकालकर लड़कियों को लड़कों के बराबर रखने में पहल की.