मेडिकल कॉलेज के बाहर की फाइल फोटो।
करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कालेज में में यौन उत्पीड़न मामले में वीरवार को आंतिरक कमेटी अब जांच को लेकर गंभीर हो गई। विधानसभा कमेटी ने जिस तरह का रूख अपनाया,इससे यौन उत्पीड़न की जांच कर ही कमेटी के सामने आरोपी ओटी पवन को बचाना मुश्किल हो रहा है। इसलिए अब उन पर लगे आरोपों को कमेटी सही करार देने की तैयारी में हैं।
वीरवार को जांच कमेटी ने पूरा दिन अपना कमरा लॉक रखा। 5 फरवरी को विधायक दल की कमेटी को उन्होंने जांच रिपोर्ट सौंपनी है। टीम विभाग की HOD फौजिया रहमान खान को भी सवालों के घेरे में खड़ी कर रही है। उन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। उन्होंने OT ट्रेनर को इतनी छूट दे रखी थी।
डायरेक्टर की भी ट्रेनर पर रही पूरी मेहरबानी
हालांकि विधानसभा कमेटी के सदस्य असंध के विधायक शमशेर सिंह गोगी ने बताया कि पहली नजर में ऐसा महसूस हो रहा है कि, आरोपी OT मास्टर पर न सिर्फ HOD बल्कि कॉलेज डायरेक्टर जगदीश दुरेजा की भी पूरी मेहरबानी रही। क्योंकि जब HOD डॉ. फौज़िया रहमान छुट्टी पर थी तो डायरेक्टर जगदीश चंद्र ने HOD का काम अपने हाथों में ले लिया। जबकि, नियमों के मुताबिक, यदि HOD लंबी छुट्टी पर जाता है तो उसका कार्यभार उसके बराबर के किसी अन्य डॉक्टर को सौंप दिया जाता है। यहां यह सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर एक डायरेक्टर को क्या जरूरत पड़ी थी कि वह एक HOD का कार्यभार स्वयं संभाल लें।

विधानसभा कमेटी की निरीक्षण के दौरान की फाइल फोटो।
यह भी उठ रहा सवाल
डायरेक्टर आर के दूरेजा पर सिर्फ यह एक सवाल नहीं उठ रहा है, बल्कि दूसरा सवाल यह भी उठ रहा है कि OT मास्टर के कमरे के बाहर जो CCTV कैमरा लगा हुआ था, जिसका कंट्रोल डायरेक्टर जगदीश चंद्र के पास ही था और यह कैमरा सिर्फ डायरेक्टर के पास ही एक्सेस हो सकता था।
OT मास्टर के कमरे के बाहर CCTV रिकॉर्डिंग गायब
माननीय कोर्ट के आदेशों के मुताबिक, किसी भी संस्थान के CCTV कैमरे में एक महीने की रिकॉर्डिंग होनी चाहिए, लेकिन उसके बाद भी संस्थान के OT कमरे के बाहर लगे CCTV कैमरे में सिर्फ एक सप्ताह की रिकॉर्डिंग की सेव हो सकती है। आज एक सप्ताह पहले की रिकॉर्डिंग ऑटोमेटिक डिलीट हो चुकी है। OT के बाहर क्या हो रहा था उसका एक बड़ा सबूत कही न कही लापरवाही की भेंट चढ़ गया या फिर यू कहे कि भेंट चढ़ा दिया गया। जांच के दौरान CCTV कैमरे की रिकॉर्डिंग गायब होना, इसमें कही न कही डायरेक्टर का हाथ हो सकता है। और डायरेक्टर ही छात्राओं को दबाव बनाने में काम करने मे लगा हुआ है।

विद्यािर्थियों से बातचीत करते विधायक शमशेर सिंह गोगी की फाइल फोटो।
लाख टके का सवाल क्या दूरेजा को बचाया जा रहा है
अब सवाल यह उठ रहा है कि डॉक्टर फौजिया और पवन के खिलाफ कार्रवाई कर डायरेक्टर डा. दूरेजा को बचाने की कोशिश तो नहीं हो रही है। क्योंकि उन्होंने जिस तरह से सिस्टम को अपने हाथ में ले रखा था, इससे कहीं न कहीं उनकी मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। खुद को सवालों के घेरे में आता देख डायरेक्टर अब पवन व डा. फौजियो को निपटा कर खुद को पाक साफ करार दिलवाने की कोशिश में हैं। यूं भी डायरेक्ट की कार्यप्रणाली पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।
हर बात का जांच कमेटी से किया जाएगा सवाल
हालांकि विधानसभा कमेटी के सदस्य विधायक शमशेर सिंह गोगी ने बताया कि हम हर तथ्य की जांच करेंगे। हर बात पर जांच कमेटी से सवाल किया जाएगा। यह कोई सामान्य मामला नहीं है। लड़कियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इसकी हर तरह से जांच होनी चाहिए। जांच में पूरी पारदर्शिता बरती जानी चाहिए। क्योंकि तभी तो सच सामने आएगा। उन्होंने कहा कि मां बाप टीचर पर विश्वास कर ही अपने बच्चों को शिक्षण संस्थान में भेजते हैं, यदि यहां भी इस तरह की हरकत होती रही तो फिर शिक्षण संस्थानों पर कैसे कोई यकीन करेगा?