
प्रतीकात्मक फोटो।
हरियाणा के फतेहाबाद में शादी में बेइज्जती को लेकर हुए विवाद के बाद पिस्तौल से फायर कर हत्या का प्रयास करने के दोषी जितेन्द्र उर्फ ज्ञानी को जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया की कोर्ट ने 7 साल की कैद और 11 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने दोषी को आईपीसी की धारा 307 में 7 साल की कैद व 5 हजार रुपए जुर्माना, आईपीसी की धारा 323 में एक साल कैद व एक हजार रुपए जुर्माना और आर्म्स एक्ट में 3 साल की कैद व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
दोस्तों को लेने गया था
धारसूल गांव के बजाज ने पुलिस को बताया था कि वह कुलां में जिम चलाता है। 19 जनवरी 2020 को उसके दोस्त जगजीत व हरदीप का फोन आया कि वे रतिया में शादी में गए हुए हैं और वापसी के लिए उनके पास साधन नहीं है। जिस पर वह उन्हें लेने रतिया के मैरिज में चला गया। उसने बताया कि जब वे वापस जा रहे थे तो शाम साढ़े 6 बजे रतिया के भगत सिंह चौक पर जितेंद्र उन्हें अपनी गाड़ी में मिला।
जांघ में लगी गोली
शिकायतकर्ता अनुसार आरोपी ने कहा कि हरदीप व जगजीत को शादी में बेइज्जती करने का मजा चखाना है और उस पर पिस्तौल से फायर कर दिया, जिससे उसकी जांघ पर गोली लगी। आरोप है कि जितेंद्र ने चार-पांच बार फायरिंग की और मौके से भाग गया।
चेक बाउंस में 1 साल की कैद
फतेहाबाद। न्यायिक दंडाधिकारी गौरी नारंग की कोर्ट ने चेक बाउंस मामले की सुनवाई करते हुए भिवानी निवासी आरोपी महेन्द्र कुमार शर्मा को दोषी करार देकर एक साल की कैद व शिकायतकर्ता को 7 लाख रुपये का मुआवजा 2 माह में देने के आदेश दिए है।
बड़ोपल निवासी सुनील कुमार ने अपने वकील ईश्वर सिहाग के जरिये कोर्ट में एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायतकर्ता सुनील कुमार ने अदालत को बताया कि 26 फरवरी 2015 को उसने आरोपी महेन्द्र कुमार शर्मा को घरेलू जरूरत के लिए चार लाख रुपए उधार दिए थे। उधारी चुकाने के एवज में आरोपी ने शिकायतकर्ता को 4 लाख को चेक दिया जो बैंक से बाउंस हो गया।