कश्मीर निवासी गुलशन अख्तर को 5 साल से छाती में भारीपन और सांस लेने में परेशानी थी।शहर के एक अस्पताल में 58 वर्षीय कश्मीरी महिला के दिल का ऑपरेशन कर डाक्टरों ने नया जीवन दिया है। यह महिला 5 साल से दिल की बीमारी से जूझ रही थी। ऑपरेशन के 5 दिन बाद ही उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
सर्वोदय हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट और कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डॉ.वेद प्रकाश की टीम ने यह आपरेशन किया। कश्मीर निवासी गुलशन अख्तर को 5 साल से छाती में भारीपन और सांस लेने में परेशानी थी। कश्मीर में कई बड़े मेडिकल संस्थानों में इलाज के बाद भी उनकी समस्या ज्यों की त्यों रही। इस बीच उनके परिजनों ने सर्वोदय हॉस्पिटल में डॉ.वेद से संपर्क किया।
जब मरीज को हॉस्पिटल लाया गया तो उसकी प्रारंभिक जांच में सीटी एओर्टाग्राम करने पर पाया गया कि उसे टाइप ए एओटिक डिसेक्शन के साथ अनुरूस्माल डायलेशन ऑफ आर्च की समस्या है। इसका मतलब यह है कि हार्ट से निकलने वाली नली की परतें अलग-अलग हो गईं और जो नस हार्ट से ब्रेन के लिए ब्लड लेकर जाती थीं वह फूल गई थीं।
इसलिए मरीज को छाती में भारीपन व सांस लेने में परेशानी हो रही थी। सर्वोदय हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट, कार्डियो थोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डॉ.वेद प्रकाश के अनुसार जब मरीज की बीमारी का पता चल गया तो सर्जरी कर उनकी एओर्टा को बदलने एवं डीप हायपरथर्मिक सर्क्युलेटरी अरेस्ट इस प्रक्रिया में ब्रेन को छोड़कर शरीर के पूरे हिस्से को ठंडा कर उसमें रक्त प्रवाह को रोक दिया जाता है। इससे हार्ट की सम्पूर्ण आर्च को बदलकर उसमे आर्टिफिसियल ग्राफ्ट प्रत्यारोपित किया गया। यह बहुत ही जटिल प्रकिया थी। अस्पताल के चेयरमैन डॉ.राकेश गुप्ता के अनुसार इलाज की उन्नत तकनीक के सहारे ही हम मरीज को बेहतर इलाज दे रहे हैं।