बंद पड़ी स्ट्रीट लाइट।
आखिर लंबे इंतजार के बाद शहर की स्ट्रीट लाइट व टावर लाइटों की मरम्मत का वर्क ऑर्डर शुक्रवार को जारी हो गया। मरम्मत का ठेका जिस एनडी इलेक्ट्रिकल एजेंसी को मिला है, उसके पास अम्बाला व करनाल का भी ठेका है। कमिश्नर राहुल नरवाल के मुताबिक टेंडर की अनुमानित लागत 91.55 लाख रुपए थी जो आखिर में 72 लाख रुपए में सेटल हुई।
एजेंसी के ठेकेदार संजीव सिवाच का कहना है कि टीम के साथ मंगलवार से शहर का दाैरा शुरू करेंगे। एक सप्ताह में सभी प्वाइंट सूचीबद्ध किए जाएंगे। फिर 20 फरवरी से मरम्मत का काम शुरू होगा। शिकायत दर्ज कराने के लिए 2 हेल्पलाइन नंबर जारी जाएंगे। एक नंबर एजेंसी और एक नगर निगम का होगा। वहीं देवी लाल कांप्लेक्स में नगर निगम कार्यालय और एजेंसी के कार्यालय में भी शिकायत रजिस्टर होगा।
हालांकि एजेंसी ने अभी कार्यालय तय नहीं किया है। दावा है कि शिकायत दर्ज होने के 48 घंटे के भीतर समाधान होगा। वैसे नगर निगम के वर्क ऑर्डर में शिकायत समाधान की समय सीमा का उल्लेख नहीं है। मरम्मत का सामान ठेकेदार ही उपलब्ध कराएगा।
17 हजार स्ट्रीट लाइट, ज्यादातर खराब
शहर में इस समय पुरानी करीब 17 हजार स्ट्रीट व टावर लाइट हैं। इनमें से आधी से ज्यादा खराब पड़ी हैं। पुरानी लाइटों की मरम्मत और रखरखाव पर सालाना खर्च करीब 1 कराेड़ रुपए खर्च हो रहा था। जिसमें से बड़ा हिस्सा ठेके पर रखे गए 46 कर्मियों की सेलरी का है। ये कर्मी पिछले ठेकेदार के समय रखे गए थे। नया ठेकेदार इन्हें रखने को तैयार नहीं था, जबकि पार्षद इन्हें हटने नहीं दे रहे थे। इसी वजह से शहर अंधेरा झेलने को मजबूर था। अब इन कर्मियों को अन्य शाखाओं में एडजस्ट कर दिया है।
मुख्य सड़काें व चौराहाें की लाइट प्राथमिकता से ठीक होंगी: विधायक विज
पूरे शहर में लाइटाें काे जल्दी ही ठीक करवा दिया जाएगा, लेकिन प्राथमिकता के साथ पहले मुख्य सड़काें और चाैक चौराहाें पर लगी लाइटें ठीक हाेंगी।
– प्रमाेद विज, शहरी विधायक
ड्रेन-1 किनारे लगी ग्रिल एक कराेड़ से होगी ठीक
शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली ड्रेन-1 की दाेनाें साइड में लगी ग्रिल के टूटे हिस्साें की मरम्मत के लिए 1 कराेड़ रुपए के बजट काे मंजूरी दे दी गई है। इसी राशि में दाेनाें साइडाें में लगी ग्रिल पर पेंट भी किया जाएगा। दाेनाें ही कार्याें का एस्टिमेट नगर निगम अधिकारियों ने तैयार करके मंजूरी के लिए नगर निगम कमिश्नर राहुल नरवाल को भेजा। जिसे मंजूरी मिल गई। ड्रेन-1 करीब 12 किलोमीटर एरिया में शहर से हाेकर गुजरती है।
इसमें से करीब 8 किलोमीटर हिस्से में ग्रिल लगी हुई है। इसमें से करीब 20 जगहों पर बड़े-बड़े ब्लाॅक टूट गए हैं। वहीं 200 से ज्यादा जगहों पर इसकी जालियां टूटी हुई हैं। इससे ड्रेन-1 की दाेनाें साइडाें में बनी सड़क से गुजरने वाले राहगीरों अाैर वाहन चालकाें के गिरने का खतरा बना रहता है।
ड्रेन में गिरी थी बाइक
31 जनवरी काे सेक्टर-12 स्थित एसडीवीएम स्कूल के पास से ग्रिल टूटने के कारण एक बाइक ड्रेन-1 में गिर गई थी।
ड्रेन-1 किनारे लगी ग्रिल के टूटे हिस्साें की मरम्मत के लिए मंजूरी मिल चुकी है। अब जल्दी ही इसका टेंडर लगाकर काम शुरू कराया जाएगा। टूटी हुई लोकेशन काे चिह्नित कर लिया गया है।